STUDENT'S POWER - NATION'S POWER / छात्रशक्ति - राष्‍ट्रशक्ति

Tuesday, September 6, 2011

स्टूडेन्ट चार्टर: 2011-12


अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्  
दिल्ली विश्‍वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव 2011

स्टूडेन्ट चार्टर: 2011-12  

मित्रों,

अपने आंरभकाल से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने विश्वास किया है कि एक छात्र सिर्फ आने वाले कल का नागरिक नहीं है बल्कि आज का नागरिक है। यह आधुनिक समस्याओं के संदर्भ में और स्पष्ट हो जाता है जिसका हमारा देश सामना कर रहा है और इन समस्याओं से निपटने में छात्रों की भूमिका को कम करके नहीं आंका जा सकता है। भ्रष्टाचार, आतंकवाद, नक्सली हिंसा और शिक्षा के व्यावसायीकरण जैसी समस्याएं साफ इंगित करती हैं कि छात्रों को आगे आकर इन समस्याओं से निपटना चाहिए।

एबीवीपी शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुनर्निर्माण की व्यापक दूरदर्शिता के साथ काम कर रहा है। एबीवीपी देश के एक कोने से दूसरे कोने तक कई कॉलेज परिसरों में सक्रिय रहा है। आंदोलनों और अन्य रचनात्मक गतिविधियों के द्वारा एबीवीपी हमारी राष्ट्रीय एकता के लिए पेश किए जा रहे खतरों पर छात्र समुदाय की संवेदनाओं को जगा रहा है।

एबीवीपी, दिल्ली विश्वविद्यालय को छात्रों की गतिविधियों के सबसे महत्वपूर्ण केंद्रों में से एक मानता है। एबीवीपी राष्ट्रीय हितों और छात्र समुदाय की आकांक्षाओं और हितों से समझौता न करने के अपने विचार को दोहराता है। एक ऐसे समय जब अवसरवादी और सर्वाधिकारवादी ताकतें राष्ट्रीय एकता और लोकतांत्रिक प्रकृति को अस्थिर करने और खतरे में डालने की षड्यंत्र कर रही हैं तो एबीवीपी की भूमिका उनके परोक्ष कार्यों को रोकने में निर्णायक हो जाती है।

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव 2011-12 तीव्र राष्ट्रीय संकट के बीच हो रहे हैं, जो वैचारिक और विचारधारा से संबंधित हैं। ऐसी निर्णायक स्थिति में जब कई समूह अपने हिस्से पाने की तीव्र इच्छा में राष्ट्रीय हितों का बलिदान कर रहे हैं तो एबीवीपी को मतदान करके दिल्ली विश्वविद्यालय का छात्र समुदाय राष्ट्रीय भावना को मजबूत करेगा। एबीवीपी की अगुवाई में छात्र संघ इंडिया उसकी एकता और अखंडता के स्वार्थरहित समर्पण देगा, जो भारत है।

दिल्ली विश्वविद्यालय देश में शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र है। इसलिए छात्र संघ चुनाव को अति महत्‍वपूर्ण माना जाता है। एबीवीपी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाला संगठन केंद्र और राज्यों में कई सरकारों को चला रही पार्टी की छात्र शाखा है। ये दोनों सरकारें और उनके मुखिया भ्रष्टाचार के आरोपों को सामना कर रहे हैं। यदि मुख्य संगठन इस तरह भ्रष्टाचार में लिप्त है तो इस कल्पना के लिए काफी कम जगह रह जाती है कि वे किस तरह के छात्र नेता बना रहे होंगे।

समय-समय पर एबीवीपी की अगुवाई में छात्र संगठनों ने लगातार छात्र समुदाय की चिंताओं और प्रत्येक और हर स्तर पर उठाया है। हालांकि अब भी कई ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर छात्रों के नेतृत्व की ओर से ज्यादा ध्यान दिए जाने और तुरंत उत्तर देने की जरूरत है।

ऽ    दिल्ली विश्वविद्यालय में पिछले 12 वर्षों में एक भी नया कॉलेज नहीं खोला गया है।
ऽ    दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में पेशेवर पाठ्यक्रमों की अनुपलब्धता है जो छात्रों को निजी संस्थानों में प्रवेश लेने के लिए मजबूर कर रही है और ऊंची फीस के ढांचे के कारण छात्रों को ज्यादा रकम खर्च करनी पड़ रही है।
ऽ    परिसरों में छात्रों के लिए छात्रावासों की सुविधा की कमी के कारण दिल्ली से बाहर के छात्र काफी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
ऽ    विश्वविद्यालय की अंदरूनी मूल्यांकन पद्धति में असंगति के कारण छात्र पढ़ाई संबंधी समस्याओं का भी सामना कर रहे हैं।
ऽ    महिला छात्राओं की सुरक्षा एक बड़ी चिंता बनी हुई है।
ऽ    दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों को मेट्रो रेल में रोजाना यात्रा के लिए अब तक किराए में छूट नहीं मिली है।

इस परिसर में पिछले 42 वर्षों में एबीवीपी का गौरवशाली और सफल इतिहास रहा है और उसे दृढ़ विश्वास है कि इस परिसर के छात्र-छात्राएं एक बार फिर एबीवीपी के प्रत्याशियों को जनादेश देंगे और उसमें अपना विश्वास व्यक्त करेंगे। दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों की आवाज को अच्छा और ईमानदार प्रतिनिधित्व देने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। यदि चुने जाते हैं तो हम भरोसा करते हैं कि हमारे प्रत्याशी करेंगे:

     परिसर के छात्र समुदाय की आशाओं को पूरा करना
     उनके मुद्दे और चिंताओं को उठाना
     उनकी समस्या सुलझवाने के लिए कड़ा संघर्ष करना

एबीवीपी की अगुवाई में छात्र संघ क्या करेगा:

1.     नए कॉलेज खोलना
ऽ    यह एक सर्वविदित तथ्य है कि पिछले 12 वर्षों में दिल्ली विश्वविद्यालय में एक भी नया कॉलेज नहीं खोला गया है। 1,85,000 से ज्यादा छात्र लगभग 54,518 सीटों में प्रवेश की आकांक्षा रखते हैं। सीटों की कमी के कारण एक लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में पढ़ने के अवसर से वंचित रह जाते हैं।

बीते कुछ सालों में इस देश ने अकेले 1 लाख 76 हजार करोड़ (2जी घोटाला) और 70 हजार करोड़ (कॉमनवेल्थ घोटाला) के घोटाले देखे हैं। एनएसयूआई का पितृ संगठन, केंद्र और राज्य सरकारें इन घोटालों में स्पष्ट रूप से शामिल रही हैं। यदि इस धन का ठीक से प्रयोग किया गया होता तो दिल्ली विश्वविद्यालय में कई नए कॉलेज खुल गए होते।

एबीवीपी की अगुवाई में छात्र संघ दिल्ली के भिन्न-भिन्न हिस्सों में अधिक सीटों और कॉलेजों की मांग करेगा।

2.     उचित शुल्क के साथ रोजगारपरक पाठ्यक्रम
ऽ    बदलते परिदृश्य में वहन करने योग्य (उचित) फीस के साथ अधिक से अधिक पेशेवर पाठ्यक्रमों और रोजगारपरक कोर्स की जरूरत है। लेकिन यह देखा जा रहा है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में नए कोर्स नहीं आ रहे हैं। एबीवीपी की अगुवाई में छात्र संघ विश्वविद्यालय प्रशासन से एनिमेशन, रिटेल मैनेजमेंट, पब्लिक रिलेशन, ट्रैवल एंड टूरिज्म, परफॉर्मिंग आर्ट्स, सूचना तकनीक, बायो तकनीक, व्यापार और अर्थशास्त्र जैसे पेशेवर कोर्स शुरू करने की मांग करेगा।


3. पूर्वी और पश्चिमी परिसरों की मांग
ऽ    हम सभी कॉलेजों द्वारा उपलब्ध कराई गई सुविधाओं के समान होने और प्रशासन के विकेंद्रीकृत होने की मांग करते हैं। इसलिए हम पूर्वी और पश्चिमी परिसरों की स्थापना के लिए संघर्ष करेंगे और मांग करेंगे कि पूर्वी परिसर में लॉ संकाय स्थापित किए जाए।

4.     शैक्षिक मूलभूत ढांचा और अन्य मुद्दे
ऽ    हम केंद्रीय बजट की कुल राशि का 10 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करने की पुरानी मांग को जारी रखेंगे।
ऽ    हम परीक्षा परिणामों के समय सीमा के भीतर घोषित होने की मांग करेंगे।
ऽ    हम हर विभाग और विश्वविद्यालय छात्रावासों में निशुल्क इंटरनेट सुविधा (वाई-फाई) उपलब्ध कराने की मांग करेंगे।
ऽ    हम प्रत्येक कॉलेज में सांध्यकालीन कक्षाएं शुरू करने की मांग करेंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्र-छात्राएं प्रतिष्ठित विश्ववविद्यालय की सुविधाओं का लाभ उठा सकें।
ऽ    हम सांध्यकालीन कक्षाओं के लिए यू-स्पेशल बसों और जेनरेटरों के इंतजाम की मांग करेंगे।
ऽ    हम विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य केंद्र में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने की मांग करेंगे।
ऽ    हम दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी पुस्तकालयों को आपस में जोड़ने की मांग करेंगे।
ऽ    हम हफ्ते के सात दिन 24 घंटे विश्वविद्यालय के पुस्तकालयों को खुला रखने की मांग करेंगे।
ऽ    काफी छात्र हिंदी हृदयप्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे हिंदी की किताबों और अन्य पाठ्य सामग्री की अनुपलब्धता की समस्या महसूस करते हैं। एबीवीपी सभी किताबों और पाठ्य सामग्री की हिंदी में व्यवस्था करने की मांग करेगी।
ऽ    हम विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग करेंगे कि देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले छात्र-छात्राओं को सहायता प्रदान करने के लिए विशेष विभाग की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
ऽ    हम निजी छात्रावास मालिकों, मकान मालिकों और छात्र-छात्राओं के बीच समन्वय के लिए एक समन्वय समिति बनाने की मांग करेंगे।
ऽ    हम राष्ट्मंडल खेल के दौरान विश्वविद्यालय में बने स्टेडियम को आम छात्रों के लिये खोलने की मांग करेंगे।
ऽ    हम नार्थ कैंपस में बडी क्षमता वाले आडिटोरियम बनाने की मांग करेंगे।
ऽ    साइंस लैब में नये उपकरणों के साथ-साथ लैब टेकनीशियनों की संख्या बढाने की मांग करते हैं।
ऽ    नार्थ और साउथ कैंपस में कम रेट वाले कैंटीन खोले जाये।

5. शुल्क संरचना
ऽ    एबीवीपी की राय है कि डीयू के सभी कॉलेजों की फीस में समानता होनी चाहिए। फीस ढांचे के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण कर इसे तार्किक और वहन करने योग्य बनाया जाएगा।

6. प्रवेश प्रक्रिया में सुधार
ऽ    हम अधिकारियों से मांग करेंगे कि खेल, सांस्कृतिक और अन्य कोटा में प्रवेश को ज्यादा पारदर्शी बनाया जाए।

7. खाली सीटें भरो
ऽ    हम विभिन्न कॉलेजों में रिक्त ओबीसी सीटों को भरवाने की कोशिश करेंगे।

8.     पढ़ाई और परीक्षा सुधार
ऽ    पूरे साल के शैक्षिक कलैंडर बनाने और इसे विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर छात्रों को उपलब्ध कराने की मांग रखी जाएगी। हम विश्वविद्यालय अधिकारियों से प्रथम 5 स्थान हासिल करने वाले छात्रों की उत्तर पुस्तिका ऑनलाइन अपलोड करने की मांग करेंगे।

9.    आंतरिक मूल्यांकन
ऽ    हम विश्वविद्यालय की आंतरिक मूल्यांकन प्रक्रिया में विसंगतियों को दूर करने का प्रयत्न करेंगे।

10.   परिवहन
ऽ    दिल्ली मेट्रो और मेट्रो फीडर बसों के किराए में छात्र-छात्राओं को छूट दिलाने के लिए संघर्ष करेंगे।
ऽ    डीटीसी की यू-स्पेशल बसों की सेवाएं बढ़ाने के लिए हम अपना संघर्ष जारी रखेंगे।
ऽ    हम डीटीसी बसों में छात्र-छात्राओं के लिए किराया कम करने की मांग और एनसीआर के अलग-अलग कॉलेजों से दिल्ली विश्वविद्यालय की कनेक्टिविटी के लिए संघर्ष करेंगे।
ऽ    हम उत्तरी और दक्षिणी परिसरों के लिए शटल बस सेवा की मांग करेंगे।

11.    छात्रावास सुविधा
ऽ    बीते कुछ सालों में छात्रों की संख्या तो कई गुना बढ़ गई है लेकिन इसके अनुपात में छात्रावासों की संख्या नहीं बढ़ी है। एबीवीपी विश्वविद्यालय प्रशासन पर नए छात्रावासों की योजना तैयार करने और पहले से चल रहे छात्रावासों के रखरखाव और उच्चीकरण के लिए दबाव डालेगा।
ऽ    हम छात्राओं की सुरक्षा के पहलू को ध्यान में रखते हुए महिला कॉलेजों के लिए छात्रावास सुविधा जरूरी करने की मांग करेंगे।

12.    छात्रवृत्ति
ऽ    हम छात्रवृत्ति बढ़ाने के लिए काम करेंगे और इसे मूल्य सूचकांक से जोड़ने की मांग करेंगे।
ऽ    हम एससी, एसटी, पीएच स्टूडेंट्स के लिए छात्रवृत्ति में समानता के लिए संघर्ष करेंगे भले ही किसी भी राज्य से आते हों।
ऽ    हम 'आर्थिक मदद समिति' की स्थापना की मांग करेंगे ताकि आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों की सहायता के लिए उद्योग-छात्र-एनजीओ के बीच जुड़ाव हो। 

13.    सुरक्षित और निर्भीक परिसर
ऽ    दक्षिणी परिसर की छात्रा, राधिका तंवर की हत्या के बाद एबीवीपी ने छात्राओं की सुरक्षा के लिए सफल अभियान का नेतृत्व किया है। छात्राओं में आत्मविश्वास का संचार करने के लिए हम विभिन्न कॉलेज परिसरों और विश्वविद्यालय परिसर में आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर लगाएंगे।
ऽ    हम उत्तरी परिसर को सुरक्षित एवं निर्भीक परिसर बनाने की अपनी मांग जारी रखेंगे।
ऽ    हम छात्र-छात्राओं के लिए हफ्ते में सात दिन 24 घंटे चलने वाली हेल्पलाइन की मांग करेंगे।

14.   नियोजन सेल
ऽ    हम दिल्ली विश्वविद्यालय की नियोजन सेल को प्रभावी, अर्थपूर्ण और रोजगारपरक बनाने की दिशा में काम करेंगे। हम उद्योग-संस्थान का संवाद बढ़ाने के लिए कड़ा संघर्ष करेंगे।

हम वादा करते हैं कि एबीवीपी के नेतृत्व में डूसू उपरोक्त एजेंडे का पालन करेगा और हमेशा अच्छे, शैक्षिक और सुरक्षित वातावरण के लिए काम करेगा जो परिसर में रचनात्मक और निर्माणशील गतिविधियों के लिए सक्रियता प्रदान करता है।

हम वादा करते हैं कि स्वस्थ शैक्षिक वातावरण बनाए रखने के लिए और छात्र समुदाय को बढ़िया सुविधाएं प्रदान न किए जाने तक लगातार संघर्ष करेंगे।

एबीवीपी इस महान देश के युवाओं और छात्रों के प्रति अपनी जिम्मेदारी और दायित्वों के लिए पूरी तरह जागरूक और चिंतित है। इसलिए यह वादा करते हैं कि डूसू के द्वारा सर्वश्रेष्ठ किया जाएगा और आशाओं को पूरा करने की कोशिश की जाएगी। हम दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र समुदाय का आह्वान करते हैं कि वे आगामी डूसू चुनावों में सक्रिय भूमिका निभाएं और पूरे दिल से एबीवीपी के प्रत्याशियों को समर्थन देकर चुनें।


भारत माता की जय
वंदे मातरम

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