STUDENT'S POWER - NATION'S POWER / छात्रशक्ति - राष्‍ट्रशक्ति

Tuesday, July 17, 2012

मा. बालासाहेब आप्टे जी को अभाविप द्वारा अश्रुपूरित श्रद्वांजलि

अभाविप के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मा. बालासाहेब आप्टे जी के निधन से संपूर्ण अभाविप परिवार शोक संतप्त है। तथा अभाविप परिवार  उन्हें अश्रुपूरित श्रृद्धाजंलि अर्पित करता है। उन्होंने लगभग चार दशक तक सतत् रूप से युवाओं का मार्ग दर्शन किया एवं उनके ही मागदर्शन में हजारों कार्यकर्ता सामाजिक व राजनैतिक जीवन में सक्रिय हैं, यही उनके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। वे अत्यंत कुशाग्र बुद्वि के थे तथा अपने वकालत पेशे में अत्यंत सफल होने के साथ-साथ ही सार्वजनिक जीवन में भी पूरी तरह से पारदर्शी रहते हुए सार्वजनिक जीवन की सक्रियता को जीवन के अंतिम समय तक बनाये रखा।  
सार्वजनिक जीवन में उनकी निष्ठाये व जो पाठ उन्होंन हजारों कार्यकर्ताओं को पढ़ाया, वो उन्होंने अपने 12 वर्षों के संसद सदस्य व सार्वजनिक जीवन में भी बखूबी निभाया। वह एक तरफ सामान्य कार्यकर्ताओं एवं संगठन के लिए मार्गदर्शक थे दूसरी तरफ राष्ट्रीय विचारों के बारे में भी उतने ही स्पष्ट और आधुनिक थे। इसी लिए उनके द्वारा विचारों को बेबाक तरीके से रखने की शैली से एक सुदृढ़ वैचारिक अधिष्ठान पर विद्यार्थी  परिषद को देशव्यापी मजबूत संगठन बनाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
 प्रा. मिलिंद मराठे (राष्ट्रीय अध्यक्ष), श्री उमेश दत्त (राष्ट्रीय महामंत्री), श्री सुनील अंबेकर (राष्ट्रीय संगठन मंत्री), श्री के. एन. रघुनंदन (राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री), श्री सुनील बंसल (राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री) ने उनकों भावपूर्ण  श्रृद्धाजंलि अर्पित करते हुए कहा कि स्वाधीन भारत के छात्र आंदोलन को दिशा देने में उनका अविस्मरणीय योगदान रहा है, जो समूचे छात्र जगत को सदैव प्रेरणा देता रहेगा।  

अभाविप के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बाल आप्टे का निधन


नई दिल्ली/मुंबई (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बाल आप्टे का आज मुंबई के हिन्दुजा अस्पताल में निधन हो गया। वह 74 वर्ष के थे। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि आज दोपहर तीन बजकर दस मिनट पर उन्होंने अंतिम सास ली। वह पिछले एक पखवारे से मुंबई के हिन्दुजा अस्पताल में भर्ती कराए गये थे।
श्री आप्टे का जन्म 18 जनवरी 1938 को महाराष्ट्र के राजगुरू नगर में हुआ था। वह लंबे समय तक राजनीति में सक्रिय रहे। महाराष्ट्र से दो सत्रों तक लगातार निर्वाचित होकर राज्यसभा में भाजपा का प्रतिनिधित्व करने वाले श्री आप्टे चार दशकों तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में राष्ट्रीय अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण दायित्व का निर्वहन किया। भाजपा में थिंक टैंक की भूमिका निभाने वाले श्री आप्टे 2000 से 2012 तक राज्य सभा के सदस्य भी रहे।
आपातकाल के दौरान चलाए गये आंदोलन में बाल आप्टे की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता होने के नाते इन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन के कानूनी पक्ष की भी वकालत की।

Saturday, September 10, 2011

चार में से तीन सीटों पर विद्यार्थी परिषद का कब्जा


            डुसू चुनाव :  भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं का एबीवीपी को समर्थन

नई दिल्ली, 10 सितंबर (हि.स.)। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जीत का डंका बजाया है। छात्रसंघ के चार पदों में से तीन पदों पर एबीवीपी और एकमात्र पद पर एनएसयूआई ने जीत दर्ज की है। चुनावी नतीजों से स्पष्ट हो गया है कि युवा किस हद तक कांग्रेसी नीतियों से खफा थे कि उन्होंने छात्रसंघ चुनाव में भी उसकी पार्टी एनएसयूआई को ज्यादा भाव नहीं दिया। 

एबीवीपी ने उपाध्यक्ष, सचिव एवं सह-सचिव पदों पर जीत दर्ज की तो अध्यक्ष पद पर एनएसयूआई जीत हासिल करने में सफल रही। अध्यक्ष पर एनएसयूआई के अजय चिकारा 2362 मत के अन्तर से चुनव जीत गये। एनएसयूआई के अजय चिकारा को 11,164 वोट मिले, वहीं उनके खिलाफ एबीवीपी की उम्मीद्वार नेहा सिंह को 8802 वोट मिले। 

उपाध्यक्ष पद पर एबीवीपी के विकास चौधरी ने एनएसयूआई के भूपेंद्र चौधारी को 3780 मतों के अंतर से हराया। विकास को 11,855 और भूपेंद्र को 8075 वोट मिले। जबकि सचिव यानि जनरल सेक्रेटरी के पद पर भी एबीवीपी का कब्जा रहा। एबीवीपी प्रत्याशी विकास यादव ने एनएसयूआई की अनुभवी उम्मीदवार पराग शर्मा को 2291 मतों से मात दी। विकास को जहा 8,365 मत मिले वहीं पराग मात्र 6074 वोटों का ही विश्वास जीत सकी। सह-सचिव (जॉइंट सेक्रेटरी) पद पर एबीवीपी के दीपक बंसल ने 2105 मतों के अंतर से आशीष चौधरी को पराजित किया। दीपक को 8,404 और आशीष को 6,299 वोट मिले। 

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की जीत पर युवाओं को बधाई देते हुए एबीवीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलिंद मराठे ने कहा कि यह अभी शुरूआत है। युवाओं ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जो संकल्प दिखाया है उसी का नतीजा है कि एबीवीपी ने जीत हासिल की है। ऐसे में अब एबीवीपी का कर्त्तव्य बनता है कि पहले से चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम को और तेज करना होगा।

छात्रसंघ चुनाव में विद्यार्थी परिषद की जीत पर एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री उमेश दत्त ने कहा कि विद्यार्थी परिषद सदैव से छात्र हितों के मुद्‌दों को लेकर संघर्षरत रही है। यह जीत भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं के जनाक्रोंश को जताती है। उन्होंने कहा, "हम छात्रसंघ के माध्यम से शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने हेतु सदैव कार्यरत रहेंगे।"

Thursday, September 8, 2011

छात्रसंघ पर होगा एबीवीपी का कब्जा: नेहा सिंह

नई दिल्ली, 8 सितंबर। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव 2011 के आखिरी दिन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एबीवीपी ने जमकर मेहनत की। अपने जनसंपर्क अभियान के दौरान जहां एबीवीपी पैनल के एक समूह ने छात्रावासों में छात्रों से मिलकर समर्थन मांगा, वहीं दूसरी तरफ दूसरे समूह ने घर-घर जाकर छात्रों से अपने पैनल के प्रत्याशियों की जिताने की अपील की।

इस दौरान नेहा सिंह ने कहा कि लंबे समय से भ्रष्टाचार के खिलाफ और छात्र हितों के लिये अपनी जंग चलाये रखने वाले एबीवीपी के प्रति लोगों का विश्वास गहरा हुआ है। यही कारण है कि एबीवीपी पैनल के सभी प्रत्याशियों को छात्रों का अपार समर्थन और प्यार मिल रहा है।

ABVP will sweep DUSU elections - Neha Singh

Today on the last day before DUSU elections ABVP candidates met personally to students on various campuses. Neha Singh covered colleges of West Delhi, Vikas Choudhary & Vikas Yadav covered all colleges of South Dellhi where as Deepak Bansal met students from colleges of Kalkaji zone.
ABVP presidential candidate Neha Singh said that we are getting overwhelming response among students. Our last year’s DUSU representatives have worked for student issues and we had many achievements also. I am sure that we will repeat our last year’s victory, in fact we will have clean sweep this year. We will definitely strive hard for betterment of campuses, educational atmosphere and student welfare.

Leadership failed, NSUI relying on Actors – Vikas Yadav

NSUI seems totally on the back foot and their leaders seemed to be failed so now they are relying on actors blamed ABVP Secretary candidate Vikas Yadav. They also have nothing to say on the issue of corruption as their own government is involved in it. This time students will vote against corruption and support ABVP in this fight.

He also told that it is clear fact NSUI is not active throughout the year in the campus. They are only seen at the time of elections and dream of winning election on the basis of glamour, money and muscle power but DU students know their reality and students will definitely support ABVP.

एनएसयूआई देख रही है दिवास्वप्न - विकास चौधरी

नई दिल्ली, 08 सितंबर। अभाविप के उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार विकास चौधरी ने भ्रष्टाचार और नये कालेजों की मांग के मुद्दे को उठाते हुए एनएसयूआई पर छात्रसंघ चुनाव के राजनीतिकरण का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुद्दों के अभाव में एनएसयूआई के चेहरे का नकाब अब उतर चुका है।
उन्होंने कहा कि एनएसयूआई पूरे साल तो कालेज परिसर से नदारद रहती है और चुनाव के समय ही अवतरति होकर दिवास्वप्न की तरह जीत की फिराक में लगी रहती है। विकास चौधरी ने कहा कि पिछले चुनाव में मुंह की खाने के बाद कांग्रेस के युवराजइस चुनाव से नदारत रहे। यह इस बात की तरफ इशारा करता है कि छात्रों और युवाओं के रहनुमा बनने का दावा करने वाले राहुल गांधी और उनके संगठन को युवाओं ने पूरी तरह से नकार दिया है। 

नेता नहीं अब अभिनेताओं के भरोसे एनएसयूआई - विकास यादव

नई दिल्ली, 08 सितंबर। संपर्क अभियान के दौरान एबीवीपी पैनल के सचिव पद के प्रत्याशी विकास यादव ने कहा कि चुनाव चेहरों से नही मुद्दों से जीते जाते हैं। एनएसयूआई के पास मुद्दों का अभाव है इसलिये वह चेहरों को चुनाव प्रचार में उतार रही है। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई पहले कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को चुनाव प्रचार में उतारी और बाजी हाथ से निकलते देख अब ग्लैमर के जरिये छात्रों को लुभाने में लगी है। 

विकास यादव ने कहा कि एनएसयूआई वर्तमान समय में पूरी तरह डरी हुई है, क्योंकि ना तो उसने छात्र समस्याओं के लिये कोई काम किया है और नाहि केन्द्र और राज्य की सत्ता पर आसीन उसकी मातृ संस्था कोई खास काम कर रही है। ऐसे में छात्रसंघ में अपनी साख बचाने के लिए एनएसयूआई अभिनेताओं का सहारा ले रही है। उन्होंने कहा कि छात्रों के बीच जागरूकता की नई लहर चली है जो किसी भी ढ़कोसलों और कोरे वायदों पर ऐतबार नहीं करेगी।