असम में अवैध घुसपैठियों को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है । कोकराझार में शुरू हुई हिंसा पूरे असम में फ़ैल चुकी है , देखते ही गोली मारने के आदेश हैं । स्थिति इतनी गंभीर होते हुए भी मिडिया खबरों को दबाने में लगी है ; यदि यही दंगे गुजरात में हुए होते तो अभी सुबह से शाम टी वी और अखबारों में "मौत के सौदागर" की खबरें छा चुकी होति......